रविवार, 27 सितंबर 2015

पर्यावरण ही जीवन है।

        हम और पर्यावरण

पर्यावरण जीवन का पर्याय है।स्वस्थ,स्वच्छ और समृद्ध पर्यावरण से ही समृद्ध,स्वस्थ और सुखी जीवन सम्भव है।कोई भी पर्यावरणीय क्षति प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अवश्य ही जीवन को प्रभावित करती है कोई भी इससे बच नहीं सकता सभी को सामान रूप से पर्यावरण में हुए नुकसान को भोगना पड़ता है।
     

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