मंगलवार, 12 जून 2012

मुश्किल है अपना मेल प्रिये

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये तुम ऍम ऐ फर्स्ट डिविजन हो, मैं हुआ मेट्रिक फेल प्रिये मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये तुम फौजी अफसर की बेटी , मैं तो किसान का बेटा हूँ तुम रबडी खीर मलाई हो, मै तो सत्तू सपरेटा हूँ तुम ऐसी घर में रहती हो, मैं पेड के नीचे लेटा हूँ तुम नई मार...ुती लगती हो, मै स्कूटर लम्ब्रेटा हूँ इस कदर अगर हम छुप छुप कर, आपस में प्यार बढ़ाएँगे तो एक रोज तेरे डेडी, अमरीश पुरी बन जाएँगे सब हड्डी पसली तोड़ मुझे वो भिजवा देंगे जेल प्रिये मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये तुम अरब देश की घोड़ी हो, मैं हूँ गधे की नाल प्रिये तुम दीवाली का बोनस हो, मै भूखों की हड़ताल प्रिये तुम हीरे जडी तश्तरी हो, मैं एल्युमिनिअम का थाल प्रिये तुम चिकन सूप बिरयानी हो, मैं कंकड वाली दाल प्रिये तुम हिरन चौकड़ी भरती हो, मै हूँ कछुए की चाल प्रिये तुम चंदन वन की लकड़ी हो, मैं हूँ बबूल की छाल प्रिये मै पके आम सा लटका हूँ मत मारो मुझे गुलेल प्रिये मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये मै शनी देव जैसा कुरूप, तुम कोमल कन्चन काया हो मै तन से मन से कांशी राम, तुम महा चंचला माया हो तुम निर्मल पावन गंगा हो, मैं जलता हुआ पतंगा हूँ तुम राज घाट का शांति मार्च, मै हिन्दू मुस्लिम दंगा हूँ तुम हो पूनम का ताजमहल, मै काली गुफा अजन्ता की तुम हो वरदान विधाता का, मैं गलती हूँ भगवंता की तुम जेट विमान की शोभा हो, मैं बस की ठेलमठेल प्रिये मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये तुम नई विदेशी मिक्सी हो, मै पत्थर का सिलबट्टा हूँ तुम ए. के. सैतालिस जैसी, मैं तो एक देसी कट्टा हूँ तुम चतुर राबडी देवी सी, मै भोला भाला लालू हूँ तुम मुक्त शेरनी जंगल की, मै चिड़िया घर का भालू हूँ तुम व्यस्त सोनिया गाँधी सी, मैं वीपी सिंह सा खाली हूँ तुम हँसी माधुरी दीक्षित की, मैं हवलदार की गाली हूँ कल जेल अगर हो जाये तो, दिलवा देना तुम ‘बेल’ प्रिये मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये मैं ढाबे के ढाँचे जैसा, तुम पाँच सितार होटल हो मैं महुए का देसी ठर्रा, तुम ‘रेड लेबल’ की बोतल हो तुम चित्रहार का मधुर गीत, मै कृषि दर्शन की झाड़ी हूँ तुम विश्व सुन्दरी सी कमाल, मैं ठेलिया छाप कबाड़ी हूँ तुम सोनी का मोबाइल हो, मैं टेलीफोन वाला चोगा तुम मछली मानसरोवर की, मैं हूँ सागर तट का घोंघा दस मंजिल से गिर जाऊँगा, मत आगे मुझे धकेल प्रिये मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये तुम सत्ता की महारानी हो, मैं विपक्ष की लाचारी हूँ तुम हो ममता, जयललिता सी, मैं कुआँरा अटल बिहारी हूँ तुम तेंदुलकर का शतक प्रिये, मैं फालो-ऑन की पारी हूँ तुम गेट्ज, मारुती , सैंट्रो हो, मैं लेलैंड की लारी हूँ मुझको रेफ्री ही रहने दो, मत खेलो मुझसे खेल प्रिये मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नही है खेल प्रिये……

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